डॉ. रामबली मिश्र
237
मिसिर महराज की कुण्डलिया
जोड़ा जिसने प्यार का , सबसे मोहक तार।
करता सारे विश्व से, दिव्य मधुर इजहार।।
दिव्य मधुर इजहार, बनाता उत्तम मानव।
विनययुक्त सन्देश,भगाता जग से दानव।।
कहें मिसिर महराज, पतित को जिसने तोड़ा।
हुआ उसी का गान, जगत को जिसने जोड़ा।।
Gunjan Kamal
23-Dec-2022 06:06 PM
बेहतरीन
Reply
Muskan khan
22-Dec-2022 07:49 PM
Nice 👍
कृपया इस पोस्ट पर लाइक देने के लिए लॉग इन करें यहाँ क्लिक करें..
समीक्षा देने के लिए कृपया अपना ईमेल सत्यापित करें लिए लॉग इन करें click here..
कृपया लॉगिन करें यहाँ क्लिक करें..
कृपया समीक्षा देने के लिए लॉगिन करें click here..
इस पोस्ट को रिपोर्ट करने के लिए कृपया लॉगिन करें click here..
Don't have an account? Register
Gunjan Kamal
23-Dec-2022 06:06 PM
बेहतरीन
Reply
Muskan khan
22-Dec-2022 07:49 PM
Nice 👍
Reply