लाइब्रेरी में जोड़ें

मिसिर महराज की कुण्डलिया




मिसिर महराज की कुण्डलिया


जोड़ा जिसने प्यार का , सबसे मोहक तार।

करता सारे विश्व से, दिव्य मधुर इजहार।।

दिव्य मधुर इजहार, बनाता उत्तम मानव।

विनययुक्त सन्देश,भगाता जग से दानव।।

कहें मिसिर महराज, पतित को जिसने तोड़ा।

हुआ उसी का गान, जगत को जिसने जोड़ा।।


   6
2 Comments

Gunjan Kamal

23-Dec-2022 06:06 PM

बेहतरीन

Reply

Muskan khan

22-Dec-2022 07:49 PM

Nice 👍

Reply